प्रणब मुखर्जी

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Ankush Yadav

प्रणव मुखर्जी का जन्म11 दिसम्बर को हुआ था। उनका जन्म और बचपन बंगाल के बिरभूम जिले के एक छोटे से गाँव मीराटीलाखा में हुआ था। उनके पिता का नाम कामदेव मुखर्जी था और माता का नाम इन्दिरानी मुखर्जी था। उनका जीवन गरीब परिवार से जुड़ा था, लेकिन उनके में शिक्षा के प्रति उत्साह और सीखने की भूख थी।

शिक्षा का पथ:

प्रणब मुखर्जी की शिक्षा का आरंभ गाँव के स्कूल से हुआ था, जहां उन्होंने अपने प्रतिभा से दिख दिया कि वह अपने अंदर छुपे ज्ञान को विकसित कर सकते हैं। उनकी मेहनत और उत्साह ने उन्हें विभिन्न शिक्षा संस्थानों में आगे बढ़ने का साहस दिया। उन्होंने कोलकाता के प्रेसिडेंसी कॉलेज से अपनी स्नातकीय शिक्षा पूरी की, जिससे उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की।

राजनीतिक सफलता:

प्रणब मुखर्जी का राजनीतिक करियर उनकी अद्भुत क्षमताओं और सेवाभाव की श्रेष्ठता के लिए जाना जाता है। उन्होंने कई राजनीतिक पदों पर कार्य किया, जिसमें सांसद, मंत्री, और अखिल भारतीय कॉंग्रेस कमेटी के सदस्य शामिल हैं। उन्होंने भारतीय राजनीति में अपनी नेतृत्व कौशल का प्रदर्शन किया और देश की सेवा में अपना समर्पण किया।

राष्ट्रपति पद का सम्मान:

2012 में प्रणब मुखर्जी ने भारत के राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभाला। उनकी राष्ट्रपति बनने के बाद, उन्होंने अपनी नेतृत्व क्षमताओं का परिचय देते हुए देश को संबोधित किया और अपनी विचारशीलता और सांस्कृतिक ज्ञान से भरी राष्ट्रपति पद की ऊँचाइयों पर उठने के बाद, प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्र को अपनी नेतृत्व क्षमता के माध्यम से एक नए दिशा में पहुंचाने का प्रयास किया। उनका योगदान देश के विकास और समृद्धि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण रहा है।

उनकी नेतृत्व शैली:

प्रणब मुखर्जी की नेतृत्व शैली में विचारशीलता और विवेचना की भावना छिपी है। उन्होंने राष्ट्रपति के रूप में अपनी क्षमताओं का परिचय देते हुए देशवासियों को समर्थन किया और समृद्धि की दिशा में एक विस्तारपूर्ण रणनीति को आगे बढ़ाने का प्रयास किया।

उनका सांस्कृतिक योगदान:

प्रणब मुखर्जी ने अपने करियर के दौरान सांस्कृतिक जीवन को बढ़ावा देने में भी अपनी भूमिका निभाई। उन्होंने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और समर्पित समारोहों का समर्थन किया जिससे देश की सांस्कृतिक धरोहर को सजीव रखने में मदद मिली।

उनका शिक्षा क्षेत्र में योगदान:

प्रणब मुखर्जी ने शिक्षा क्षेत्र में भी अपना सकारात्मक प्रभाव डाला। उन्होंने शिक्षा के महत्व को समझते हुए विभिन्न शिक्षा संस्थानों और विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग किया और शिक्षा के क्षेत्र में नए विकास की दिशा में कदम बढ़ाया।

उनका समाजसेवा में योगदान:

प्रणब मुखर्जी ने अपने जीवन के सभी पहलुओं में समाजसेवा में योगदान किया है। उन्होंने गरीबी, शिक्षा, स्वास्थ्य, और अन्य सामाजिक मुद्दों पर अपने विचार साझा किए और समाज को सकारात्मक परिवर्तन के लिए प्रेरित किया।

प्रणब मुखर्जी का राजनीतिक योगदान:

प्रणब मुखर्जी ने अपने राजनीतिक करियर में विभिन्न पदों पर कार्य किया है। उन्होंने भारतीय राजनीति में अपनी मौजूदगी से यह सिद्ध होता है कि उन्होंने राष्ट्र के लिए समर्पित रूप से कार्य किया है।

राष्ट्रपति के रूप में योगदान:

2012 में राष्ट्रपति बनने के बाद, प्रणब मुखर्जी ने अपनी प्रशासनिक और सामाजिक क्षमताओं का पूरा उपयोग करके देश के प्रमुख नेता के रूप में कार्य किया। उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय मुद्दों पर अपने गहरे ज्ञान और विवेचना का प्रदर्शन किया और देश को सुरक्षित, समृद्ध, और सशक्त बनाने के लिए कई प्रमुख पहलुओं पर कार्य किया।

उनकी विदेश नीति:

प्रणब मुखर्जी के कार्यकाल में उन्होंने भारत की विदेश नीति को मजबूती से साकारात्मक रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने विभिन्न देशों के साथ साथ में व्यापक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।

उनका सांसद दौर:

प्रणब मुखर्जी ने संसद के सदस्य के रूप में भी देश को अपनी सेवाएं दी हैं। उन्होंने संसद में अपने उदार और विचारशील दृष्टिकोण से बातचीत और समाधान की प्रक्रिया को बढ़ावा दिया और राष्ट्र के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णयों में भूमिका निभाई।

समर्थन और सम्मान:

प्रणब मुखर्जी की प्रशंसा और समर्थन देशवासियों के बीच अधिक हैं। उनके नेतृत्व के दौरान उन्होंने राष्ट्र को संबोधित किया और सभी वर्गों को एक साथ लेकर चलने की आवश्यकता को हमेशा मानते रहे।

निष्कर्ष:

प्रणब मुखर्जी के जन्मदिन के मौके पर हम उनकी महत्वपूर्ण भूमिका और योगदानों की सराहना करते हैं। उनका जीवन प्रेरणादायक है, और उनका योगदान देश को समृद्धि और सशक्ति की दिशा में एक नए ऊंचाइयों तक पहुँचाने में मदद किया है। प्रणब मुखर्जी ने राजनीति में अपनी निष्ठा और सेवा भावना से सभी को प्रेरित किया है।

उनकी विचारशीलता:

प्रणब मुखर्जी की विचारशीलता ने उन्हें एक अद्वितीय नेतृत्व स्थान पर ले जाने में मदद की है। उनकी योजनाएँ और निर्णय दृष्टिकोण से भरी होती हैं, जो देश को सामरिक और आर्थिक दृष्टिकोण से मजबूत करने में मदद करती हैं।

उनकी बुद्धिमत्ता:

प्रणब मुखर्जी की बुद्धिमत्ता ने उन्हें संघर्षों के समय में भी सही निर्णय लेने में सहायक बनाया है। उनकी समझदारी और विवेकपूर्ण दृष्टिकोण ने देश को कई चुनौतियों से निकलने में सहायक होता है।

उनकी नीतियाँ:

प्रणब मुखर्जी ने अपने शासनकाल में विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण नीतियों को प्रमोट किया है। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, और आर्थिक विकास के क्षेत्र में नई दिशा तय की है जो देश को सुदृढ़ बनाने की दिशा में मदद करती हैं।

अनुसंधान और शिक्षा:

प्रणब मुखर्जी ने अपने शैक्षिक करियर के दौरान अनुसंधान और शिक्षा के क्षेत्र में अपनी गहरी रूचि दिखाई है। उन्होंने युवा पीढ़ियों को शिक्षा में रुचि बढ़ाने और नए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नए अनुसंधानों को प्रोत्साहित करने के लिए कई पहलुओं में योगदान किया है।

समापन:

इस लेख के माध्यम से हमने देखा कि “11Dec__ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का जन्म” विषय पर एक शिक्षात्मक और जानकारीय लेख कैसे तैयार किया जा सकता है। प्रणब मुखर्जी ने अपने योगदान के माध्यम से देश को एक सशक्त और समृद्धि शील राष्ट्र की दिशा में आगे बढ़ने का संकल्प दिखाया है, और उनका यह सफल साहस हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है।

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