‘वह कोई पप्पू नहीं हैं’: Sam Pitroda ने अमेरिका में राहुल गांधी के बारे में क्या कहा ?

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नई दिल्ली: कांग्रेस नेता Sam Pitroda ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और उसके नेताओं पर जमकर हमला बोला, विशेष रूप से राहुल गांधी को ‘पप्पू’ कहकर मजाक बनाने के प्रयासों पर। टेक्सास में भारतीय प्रवासी समुदाय को संबोधित करते हुए पित्रोदा ने स्पष्ट रूप से कहा कि राहुल गांधी ‘पप्पू’ नहीं हैं, बल्कि एक विचारशील और रणनीतिक नेता हैं, जिनके विचार बीजेपी के दृष्टिकोण से एकदम अलग हैं।

पित्रोदा ने अपने भाषण में जोर दिया कि बीजेपी ने राहुल गांधी की छवि को खराब करने के लिए भारी मात्रा में पैसे खर्च किए हैं। उन्होंने कहा, “भाजपा करोड़ों रुपये खर्च कर राहुल गांधी को बदनाम करने की कोशिश कर रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि उनका दृष्टिकोण पूरी तरह से इसके विपरीत है। मुझे आपको बताना होगा, वह ‘पप्पू’ नहीं हैं।” उन्होंने राहुल गांधी की प्रशंसा करते हुए कहा, “राहुल गांधी एक बहुत शिक्षित और सुसंस्कृत व्यक्ति हैं। वह किसी भी विषय पर गहराई से सोचने वाले रणनीतिकार हैं, और कभी-कभी उनकी विचारधारा को समझना आसान नहीं होता है, क्योंकि वह गहरी सोच के साथ निर्णय लेते हैं।”

राहुल गांधी का एजेंडा: 

पित्रोदा ने कहा कि राहुल गांधी का एजेंडा समावेश और विविधता का उत्सव मनाने पर केंद्रित है, जो आज के समय में बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी का दृष्टिकोण समावेशन और विविधता को बढ़ावा देना है, जिसे भारत लंबे समय से संबोधित करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अभी भी पूरी तरह से साकार नहीं कर पाया है।” यह बयान राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और उनके द्वारा उठाए गए सामाजिक मुद्दों के संदर्भ में देखा जा रहा है। पित्रोदा ने इस बात पर जोर दिया कि राहुल गांधी का राजनीतिक दृष्टिकोण भारतीय समाज की विविधता को सम्मान देने और सभी वर्गों को साथ लेकर चलने पर आधारित है।

राहुल का प्रवासी भारतीयों से जुड़ाव

पित्रोदा ने प्रवासी भारतीयों से राहुल गांधी के जुड़ाव का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि पिछली बार जब राहुल गांधी न्यूयॉर्क में एक महत्वपूर्ण बैठक के लिए आए थे, तो उन्होंने डलास आने का वादा किया था। इस बार वह उस वादे को निभाने के लिए डलास आए हैं। पित्रोदा ने कहा, “राहुल गांधी अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद तीन दिनों की छुट्टी लेकर हमारे साथ समय बिता रहे हैं, जिसमें वह एक दिन डलास में और दो दिन वाशिंगटन डीसी में बिताएंगे।”

बीजेपी की आलोचना और पुराने विवाद

Sam Pitroda  अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं, और उनके पिछले कुछ बयानों ने बीजेपी को कांग्रेस पर हमला करने का अवसर दिया है। पित्रोदा ने एक बार कहा था कि मंदिर भारत की समस्याओं जैसे बेरोजगारी, मुद्रास्फीति, शिक्षा, और स्वास्थ्य का समाधान नहीं कर सकते। उन्होंने धार्मिक मुद्दों के बजाय इन गंभीर मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर बल दिया था, जिसे लेकर बीजेपी ने उन पर जमकर हमला बोला था।

इसके अलावा, पित्रोदा की 1984 के सिख विरोधी दंगों और पुलवामा हमले के बाद हुए बालाकोट हवाई हमलों पर की गई टिप्पणियों ने भी विवाद खड़ा किया था। मई 2019 में, जब उनसे 1984 के दंगों के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, “हुआ तो हुआ” (तो क्या हुआ), जिसके बाद बीजेपी ने उनकी आलोचना की। इसी तरह, फरवरी 2019 में, पुलवामा हमले के बाद भारत द्वारा किए गए बालाकोट हवाई हमलों की प्रभावशीलता पर पित्रोदा ने संदेह जताया था और कहा था कि सैन्य कार्रवाई के बजाय किसी अन्य तरीके से प्रतिक्रिया देना अधिक उपयुक्त होता। उनकी इन टिप्पणियों को बीजेपी ने कांग्रेस की राष्ट्रवादी छवि पर हमला करने के रूप में देखा और कांग्रेस पार्टी को इसके लिए सफाई देनी पड़ी। हालांकि, पित्रोदा ने इन बयानों को लेकर अपने रुख से कभी पीछे नहीं हटे और राहुल गांधी के एजेंडे को सही ठहराने की कोशिश करते रहे हैं।

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इस कार्यक्रम के जरिए पित्रोदा ने राहुल गांधी की छवि को सुधारने और उनकी विचारधारा को स्पष्ट करने की कोशिश की। बीजेपी द्वारा लगातार की जा रही आलोचनाओं के बीच पित्रोदा ने राहुल को एक मजबूत नेता के रूप में प्रस्तुत किया, जिनके पास देश के समावेशी विकास और सामाजिक सुधारों का व्यापक दृष्टिकोण है। पित्रोदा के बयान ने एक बार फिर से राहुल गांधी को ‘पप्पू’ कहे जाने पर सवाल उठाए और इस बात पर जोर दिया कि राहुल गांधी भारतीय राजनीति में एक गंभीर और महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं

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