S. R. Srinivas Vardhan:सत्ममंगलम् रंगा अयंगर श्रीनिवास वर्धन

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Ankush Yadav

गणित जगत में नामकीनी बटोरने वाले एक अमूल्य रत्न, S. R. Srinivas Vardhan , एक अमरीकी गणितज्ञ हैं जिनका योगदान गणित क्षेत्र में नए दिशा-निर्देश दिखा रहा है। इस लेख में, हम उनके जीवन, उनके शिक्षार्थ, और उनके अनुसंधान के विविध पहलुओं को समझने का प्रयास करेंगे।

एस. आर. श्रीनिवास वर्धन
एस. आर. श्रीनिवास वर्धन
पूरा नाम सत्ममंगलम् रंगा अयंगर श्रीनिवास वर्धन’
जन्म 2 जनवरी, 1940
जन्म भूमि चेन्नई (भूतपूर्व मद्रास)
कर्म भूमि संयुक्त राज्य अमेरिका
कर्म-क्षेत्र गणित
भाषा हिन्दी, अंग्रेज़ी
विद्यालय मद्रास विश्वविद्यालय
पुरस्कार-उपाधि पद्म विभूषण, 2023
नेशनल मेडल ऑफ साइंस, 2010
पद्म भूषण, 2008
प्रसिद्धि भारतीय-अमेरिकी गणितज्ञ
नागरिकता अमेरिकन
अन्य जानकारी श्रीनिवास वर्धन संभाव्यता सिद्धांत और विशेष रूप से बड़े विचलन के एकीकृत सिद्धांत को बनाने के लिए जाने जाते हैं।
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परिचय

एस. आर. श्रीनिवास वर्ध्धन का जन्म 2 जनवरी, 1940 को हुआ था। उनका जन्म स्थान चेन्नई (भूतपूर्व मद्रास)।  उन्होंने 1959 में प्रेसीडेंसी कॉलेज, मद्रास से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और फिर कोलकाता में भारतीय सांख्यिकी संस्थान चले गए। साल 1953 में उनका परिवार कोलकाता चला गया। इसके बाद वे 1958 में कॉलेज के लिए चेन्नई वापस चले गए। 1960 में वे कॉलेज के लिए कोलकाता गए। साल 1956-1963 के दौरान श्रीनिवास वर्धन आईएसआई में “प्रसिद्ध चार” (अन्य आर. रंगा राव, के.आर. पार्थसारथी और वीरवल्ली एस. वरदराजन ) में से एक थे। साल 1963 में सी. आर. राव के तहत आईएसआई से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की


पुरस्कार

  • एस. आर. श्रीनिवास वर्धन को 2008 में भारत सरकार ने तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया था।
  • साल 2023 में साइंस एंड इंजीनियरिंग में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण के लिए चुना गया।
  • वहीं, 2010 में उनको संयुक्त राज्य अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और अन्वेषकों को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान ‘नेशनल मेडल ऑफ साइंस’ प्रदान किया था।

शिक्षा और अनुसंधान

श्रीनिवास वर्ध्धन की शिक्षा और अनुसंधान में उनका योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने गणित में कई महत्वपूर्ण अनुसंधानों का संचार किया है, जो गणित जगत में नए आयाम स्थापित करने में सहायक हो रहे हैं। उनकी शिक्षा विधियाएं और अनुसंधानों ने गणित के क्षेत्र में नए सिद्धांतों की राह दिखाई और छात्रों को गहराई से सिखाया कि गणित केवल एक पढ़ाई का विषय नहीं है, बल्कि यह समस्याओं का समाधान भी है।


आदर्श और प्रेरणा

श्रीनिवास वर्ध्धन का जीवन छात्रों और युवाओं के लिए एक आदर्श है। उनकी सफलता का राज उनके अथक समर्पण और उनकी उदार दृष्टि में छिपा है। उनका संघर्ष और आत्मविश्वास बच्चों को यह सिखाता है कि सीमित साधनों के बावजूद, वे भी अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं।

बड़ी उपलब्धि

श्रीनिवास वर्धन की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक दुर्लभ घटनाओं का वर्णन करने में सक्षम एक शक्तिशाली विश्लेषणात्मक और भविष्य कहने वाला संभाव्यता सिद्धांत का विकास था। उनके काम ने एक नया संभाव्य मॉडल तैयार किया जो गुणात्मक और मात्रात्मक दोनों अंतर्दृष्टि प्रदान करता है, और उनका मॉडल आधुनिक संभाव्यता सिद्धांत की आधारशिला बन गया है।

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समापन

एस. आर. श्रीनिवास वर्ध्धन की कहानी हमें यह सिखाती है कि समर्पण, उत्साह, और अद्वितीयता से किसी भी क्षेत्र में महानता प्राप्त की जा सकती है। उनका योगदान गणित के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों की दिशा में एक नया पृष्ठ खोल रहा है और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित कर रहा है। उनकी महानता ने हमें यह बताया है कि कभी-कभी छोटे से शुरुआत भी बड़े सपनों की ओर पहुँचने का माध्यम बन सकती है। श्रीनिवास वर्ध्धन एक अद्वितीय गणितज्ञ है जिनकी कहानी ने हमें यह सिखाया है कि जब व्यक्ति अपने सपनों की पूर्ति के लिए समर्पित होता है, तो उसे कोई भी रास्ता अधूरा नहीं रहता।