भारत रत्न
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विवरण | ‘भारत रत्न’ उच्चतम नागरिक सम्मान है, जो कला, साहित्य, विज्ञान, राजनीतिज्ञ, विचारक, वैज्ञानिक, उद्योगपति, लेखक और समाजसेवी को असाधारण सेवा के लिए तथा उच्च लोक सेवा को मान्यता देने के लिए भारत सरकार की ओर से दिया जाता है। |
शुरुआत | 2 जनवरी, 1954 |
स्वरूप | तांबे के बने पीपल के पत्ते पर प्लेटिनम का चमकता सूर्य का चिह्न होता है जिसके नीचे चाँदी में लिखा रहता है “भारत रत्न” और यह सफ़ेद फीते के साथ गले में पहना जाता है। |
सर्वप्रथम सम्मानित | सर्वपल्ली राधाकृष्णन, चंद्रशेखर वेंकट रामन और सी. राजगोपालाचारी |
अंतिम सम्मानित | प्रणब मुखर्जी, नानाजी देशमुख और भूपेन हज़ारिका |
कुल सम्मानित | 48 |
विशेष | कोई लिखित प्रावधान नहीं है कि ‘भारत रत्न’ केवल भारतीय नागरिकों को ही दिया जाएगा। |
संबंधित लेख | ‘पद्मश्री’, ‘पद्म भूषण’ और ‘पद्म विभूषण’ |
अन्य जानकारी | नेताजी सुभाषचन्द्र बोस को 1992 में ‘भारत रत्न’ से मरणोपरान्त सम्मानित किया गया था। किंतु उनकी मृत्यु विवादित होने के कारण अनेक प्रश्नों को उठाया गया। अत: भारत सरकार ने यह पुरस्कार वापस ले लिया था। यह पुरस्कार वापस लेने का यह एकमात्र उदाहरण है। |
अद्यतन |
15:25, 5 नवम्बर 2016 (IST)
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Toggleभारत रत्न पुरस्कार का महत्व:
यह प्रतिवर्ष दिया जानेवाला अलंकरण नहीं। यह किसी व्यक्ति के संपूर्ण व्यक्तित्व और देश के प्रति उसकी अत्यन्त समर्पण भावना के लिए यदा-कदा दिया जाने वाला अलंकरण है। अन्य पुरस्कारों ‘पद्मश्री’, ‘पद्म भूषण’ और ‘पद्म विभूषण’ आदि से ‘भारत-रत्न’ श्रेष्ठ पुरस्कार है। यह उन आदर्श महान पुरुषों को ही दिया जाता है जिनकी जीवन गाथा पुण्य-भागीरथी के समान है, जिसे जानकर एक साधारण मनुष्य अपने आप को पाप मुक्त और निर्मल पाता है। ‘भारत-रत्न’ में ऐसी विभूतियों के दिव्य चरित्र हैं जिन्होंने जीवन को इतनी ऊँचाइयों तक पहुँचाया जहाँ की कोई कल्पना नहीं कर सकता। संभवत: इकबाल ने ऐसे ही महान पुरुषों के लिए कहा था-“खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले ख़ुदा बन्दे से खुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है ?”
वर्ष | पुरस्कृत व्यक्ति | क्षेत्र |
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1954 | डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन | सामाजिक क्षेत्र |
1955 | भगवान दास | सामाजिक क्षेत्र |
1956 | सरोजिनी नायडू | सामाजिक क्षेत्र |
1957 | डॉ. धनराज गोखले | सामाजिक क्षेत्र |
स्वरूप:
इस पुरस्कार के रूप में दिए जाने वाले सम्मान की मूल रूप – रेखा 35 मिलिमीटर व्यास वाला गोलाकार स्वर्ण पदक है जिस पर सूर्य और ऊपर हिन्दी भाषा में भारत रत्न और नीचे एक फूलों का गुलदस्ता बना होता है पीछे की ओर शासकीय संकेत और आदर्श-वाक्य लिखा होता है। इसे सफ़ेद फीते में डालकर गले में पहनाया जाता है। एक वर्ष बाद इस डिजाइन को बदल दिया गया था। तांबे के बने पीपल के पत्ते पर प्लेटिनम का चमकता सूर्य बना दिया गया। जिसके नीचे चाँदी में लिखा रहता है “भारत रत्न”, और यह सफ़ेद फीते के साथ गले में पहना जाता है।
वर्तमान में भारत रत्न पुरस्कार:
वर्तमान में, भारत रत्न पुरस्कार का मैदान विभिन्न क्षेत्रों में योगदान करने वाले व्यक्तियों के लिए खुला है। सरकार प्रति वर्ष नामांकन प्राप्त करती है और एक विशेष समिति के माध्यम से चयन करती है।
वर्ष | पुरस्कृत व्यक्ति | क्षेत्र |
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2019 | नन्दानी नीलकण्ठन | सांस्कृतिक क्षेत्र |
2020 | प्रणब मुखर्जी | राजनीतिक क्षेत्र |
2021 | भगवान सुन्दर पिच |
वर्ष | पुरस्कृत व्यक्ति | क्षेत्र |
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2021 | भगवान सुन्दर पिचई | वैज्ञानिक क्षेत्र |
पुरस्कृत व्यक्तियों के योगदान:
भारत रत्न पुरस्कार से सम्बंधित एक आदर्श विचार यह है कि इसे वही व्यक्ति प्राप्त करता है जो अपने क्षेत्र में अत्युत्तमता की दिशा में आगे बढ़ता है। इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले व्यक्तियों ने भारतीय समाज को विभिन्न क्षेत्रों में गर्वित किया है, जैसे कि सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, और वैज्ञानिक क्षेत्र।
भारत रत्न पुरस्कार का उद्दीपन:
यह पुरस्कार 2 जनवरी 1954 को प्रारम्भ किया गया था। यह पुरस्कार भारत के प्रथम राष्ट्रपति श्री डा. राजेन्द्र प्रसाद द्वारा घोषित किया गया था। दूसरे अलंकरणों के भाँति इस सम्मान को भी, नाम के साथ पदवी के रूप में प्रयोग नहीं किया जा सकता है। शुरू में इस सम्मान को ‘मरणोपरांत’ नहीं दिया जाता था, किंतु 1955 के बाद यह निर्णय लिया गया और यह मरणोपरांत भी दिया जाने लगा। अब तक यह सम्मान 10 व्यक्तियों को मरणोपरांत दिया गया है। 13 जुलाई 1977 से 26 जनवरी 1980 तक इस पुरस्कार को स्थगित कर दिया गया था।
परम्परा:
सबसे पहला पुरस्कार प्रसिद्ध वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकटरमन को दिया गया था। तब से अनेक विशिष्ट जनों को अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता पाने के लिए यह पुरस्कार प्रस्तुत किया गया है।
जनता पार्टी द्वारा इस पुरस्कार को 1977 में बंद कर दिया गया था किंतु 1980 में कांग्रेस सरकर ने इसे फिर से दोबारा शुरू किया।
1980 में दोबारा शुरू होने पर इसे सर्वप्रथम मदर टेरेसा ने प्राप्त किया था।
हमारे भू.पू. राष्ट्रपति, वैज्ञानिक डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम को भी 1997 में यह प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया गया है।
इसका कोई लिखित प्रावधान नहीं है कि ‘भारत रत्न’ केवल भारतीय नागरिकों को ही दिया जाएगा।
यह पुरस्कार स्वाभाविक रूप से भारतीय नागरिक बन चुकी ‘एग्नेस गोंखा बोजाखियू’, जिन्हें हम मदर टेरेसा के नाम से जानते हैं, को दिया गया।
दो अन्य अभारतीय – ख़ान अब्दुलगफ़्फ़ार ख़ान को 1987 में और नेल्सन मंडेला को 1990 में यह पुरस्कार दिया गया।
यह भी अनिवार्य नहीं है कि भारत रत्न सम्मान प्रतिवर्ष दिया जाएगा।
मरणोपरांत सर्वप्रथम लालबहादुर शास्त्री को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
श्री सत्यपाल आनन्द ने राजीव गाँधी को मरणोपरांत भारत रत्न देने की प्रक्रिया को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
वर्ष 2008 में यह सम्मान पंडित भीमसेन गुरुराज जोशी को दिया गया था।
विरोधाभास:
भारत रत्न सम्मानित व्यक्तित्व सूची:
क्रम | वर्ष | नाम | कार्य क्षेत्र | चित्र |
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1 | 1954 | डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन | दार्शनिक | |
2 | 1954 | चक्रवर्ती राजगोपालाचारी | स्वतंत्रता सेनानी | |
3 | 1954 | डॉ. सी. वी. रमन | भौतिकशास्त्री | |
4 | 1955 | डॉ. भगवान दास | स्वतंत्रता सेनानी | |
5 | 1955 | डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या | सिविल इंजीनियर | |
6 | 1955 | जवाहरलाल नेहरू | स्वतंत्रता सेनानी | |
7 | 1957 | गोविंद बल्लभ पंत | स्वतंत्रता सेनानी | |
8 | 1958 | डॉ. धोंडो केशव कर्वे | समाज सुधारक | |
9 | 1961 | डॉ. बिधान चंद्र राय | चिकित्सक | |
10 | 1961 | पुरुषोत्तम दास टंडन | स्वतंत्रता सेनानी | |
11 | 1962 | डॉ. राजेंद्र प्रसाद | स्वतंत्रता सेनानी | |
12 | 1963 | डॉ. ज़ाकिर हुसैन | विद्वान | |
13 | 1963 | डॉ. पांडुरंग वामन काणे | संस्कृत विद्वान | |
14 | 1966 | लाल बहादुर शास्त्री | स्वतंत्रता सेनानी | |
15 | 1971 | इंदिरा गाँधी | राजनीतिज्ञ | |
16 | 1975 | वी. वी. गिरी | श्रमिक संघवादी | |
17 | 1976 | के. कामराज | स्वतंत्रता सेनानी | |
18 | 1980 | मदर टेरेसा | कॅथोलिक नन | |
19 | 1983 | आचार्य विनोबा भावे | स्वतंत्रता सेनानी | |
20 | 1987 | ख़ान अब्दुलगफ़्फ़ार ख़ान | स्वतंत्रता सेनानी | |
21 | 1988 | मरुदुर गोपालन रामचन्द्रन | अभिनेता, राजनीतिज्ञ | |
22 | 1990 | डॉ. भीमराव आम्बेडकर | राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री | |
23 | 1990 | नेल्सन मंडेला | रंगभेद विरोधी आंदोलन के नेता | |
24 | 1991 | राजीव गाँधी | राजनीतिज्ञ | |
25 | 1991 | सरदार पटेल | स्वतंत्रता सेनानी | |
26 | 1991 | मोरारजी देसाई | स्वतंत्रता सेनानी | |
27 | 1992 | अबुलकलाम आज़ाद | स्वतंत्रता सेनानी | |
28 | 1992 | जे. आर. डी. टाटा | उद्योगपति | |
29 | 1992 | सत्यजीत रे (राय) | फ़िल्म निर्माता-निर्देशक | |
30 | 1997 | डॉ. अब्दुल कलाम | वैज्ञानिक | |
31 | 1997 | गुलज़ारीलाल नन्दा | स्वतंत्रता सेनानी | |
32 | 1997 | अरुणा आसफ़ अली | स्वतंत्रता सेनानी | |
33 | 1998 | एम.एस. सुब्बालक्ष्मी | शास्त्रीय गायिका | |
34. | 1998 | सी. सुब्रह्मण्यम | स्वतंत्रता सेनानी | |
35 | 1998 | जयप्रकाश नारायण | स्वतंत्रता सेनानी | |
36 | 1999 | पं. रवि शंकर | सितार वादक | |
37 | 1999 | अमर्त्य सेन | अर्थशास्त्री | |
38 | 1999 | गोपीनाथ बोरदोलोई | स्वतंत्रता सेनानी | |
39 | 2001 | लता मंगेशकर | पार्श्व गायिका | |
40 | 2001 | उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ां | शहनाई वादक | |
41 | 2008 | पं. भीमसेन जोशी | शास्त्रीय गायक | |
42 | 2014 | प्रो. सी.एन.आर. राव | रसायन वैज्ञानिक | |
43 | 2014 | सचिन तेंदुलकर | क्रिकेट खिलाड़ी | |
44 | 2015 | मदन मोहन मालवीय | विद्वान | |
45 | 2015 | अटल बिहारी वाजपेयी | राजनीतिज्ञ | |
46 | 2019 | प्रणब मुखर्जी | राजनीतिज्ञ | |
47 | 2019 | भूपेन हज़ारिका | संगीतकार, गायक | |
48 | 2019 | नानाजी देशमुख | राजनीतिज्ञ, समाजसेवी |