आधुनिक युग में हमारी समाजशास्त्र ने हमें यह सिखाया है कि समृद्धि उस समाज की मानव समृद्धि है जिसमें सभी व्यक्तियों को समानता और समर्थता का मौका मिलता है। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए, World Handicapped day, जो प्रति वर्ष 3 दिसंबर को मनाया जाता है, हमें विकलांगता के माध्यम से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने का एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है।
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Toggleविश्व विकलांग दिवस का इतिहास
विश्व विकलांग दिवस का आयोजन पहली बार 1992 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा किया गया था। इस दिन का चयन 3 दिसंबर को किया गया था, क्योंकि इसी दिन 1982 में संयुक्त राष्ट्र ने “विशेष प्रत्यारोपण के अधिकार” को स्वीकृत किया था, जिसका मुख्य उद्देश्य था विकलांग व्यक्तियों को उनके अधिकारों की रक्षा करना था।
विकलांगता का अर्थ
विकलांगता एक बड़ा शब्द है जिसमें हमें सारे प्रकार की शारीरिक और मानसिक कमियों को शामिल करना होता है। इसमें शारीरिक रूप से कमजोरी, बहु-आंग, बहु-इंद्रिय, और मानसिक समस्याएं शामिल हो सकती हैं। विकलांग व्यक्ति वह होता है जिसकी इन कमियों के कारण उसे दैहिक, भौतिक, या मानसिक समस्याएं होती हैं जो उसकी सामाजिक, आर्थिक, और व्यक्तिगत गतिविधियों में रुकावट डालती हैं।
विकलांग व्यक्तियों की समस्याएं और उनका सामाजिक परिचय
विकलांगता न केवल व्यक्ति को प्रभावित करती है, बल्कि उसके परिवार और समाज को भी। इससे होने वाली चुनौतियों में से कुछ इस प्रकार हैं:
शिक्षा
विकलांग व्यक्तियों को उच्च शिक्षा तक पहुँचने में कठिनाईयाँ हो सकती हैं। शारीरिक कमियों या मानसिक समस्याओं के कारण उन्हें विशेष शिक्षा की आवश्यकता हो सकती है, जो कि कई स्थानों पर उपलब्ध नहीं होती है।
रोजगार
विकलांगता के कारण कई व्यक्तियों को उच्चतम शिक्षा तक पहुँचने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है, और इसके परिणामस्वरूप, उन्हें उच्चतम शिक्षा और रोजगार की सम्भावनाएं सीमित हो सकती हैं।
समाज में स्थिति
विकलांगता के कारण समाज में स्थिति की कमी हो सकती है, और इससे उन्हें समाज में समाहित बनाए रखने में चुनौतियाँ आ सकती हैं। समाज में अद्वितीयता के कारण, विकलांग व्यक्तियों को समाज में समर्थन और समानता की आवश्यकता होती है।
विकलांग व्यक्तियों के अधिकार
“विशेष प्रत्यारोपण के अधिकार” के स्वीकृति के बाद, विकलांग व्यक्तियों को कई अधिकार मिले हैं जो उन्हें समाज में समर्थन करने में मदद करते हैं। कुछ प्रमुख अधिकार निम्नलिखित हैं:
शिक्षा का अधिकार
विकलांग व्यक्तियों को समान रूप से शिक्षा का अधिकार है, और सरकारें इसे सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही हैं। उन्हें विशेष शिक्षा के लिए सामग्री और सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए ताकि उन्हें भी समानता का मौका मिल सके।
रोजगार का अधिकार
विकलांग व्यक्तियों को भी समानता के साथ रोजगार का अधिकार है। सरकारें उन्हें उच्चतम शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए सुविधाएं प्रदान करके उन्हें समर्थन कर रही हैं। विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक सहारा और समर्थन प्रदान करने से उन्हें समाज में समर्थ प्रतिस्थान प्राप्त होता है।
स्वास्थ्य का अधिकार
विकलांग व्यक्तियों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी विशेष समर्थन की आवश्यकता है। उन्हें समाज में इस सेक्टर में समर्थ बनाए रखने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करनी चाहिए।
विकलांगता के क्षेत्र में समाज का योगदान
समाज को विकलांगता के क्षेत्र में योगदान देने के लिए कई कदम उठाने चाहिए, जिससे समाज में एक सामग्री और समर्थ समाज की रूपरेखा बन सके।
जागरूकता कार्यक्रम
सरकारें और सामाजिक संगठनों को विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों और जरूरतों के बारे में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का दायित्व है। इसके माध्यम से लोगों को विकलांगता के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उन्हें समर्थता की दृष्टि से देखने के लिए उत्साहित करना चाहिए।
सुधारित सुविधाएं
सार्वजनिक स्थानों, शिक्षा संस्थानों, और रोजगार स्थलों में सुधारित सुविधाएं प्रदान करना चाहिए ताकि विकलांग व्यक्तियों को सहारा मिल सके। इसमें विशेष रूप से बनाए गए रैम्प्स, लिफ्ट्स, और अन्य सुविधाएं शामिल हो सकती हैं जो उन्हें आसानी से सभी स्थानों तक पहुँचने में मदद करती हैं।
रोजगार के अवसर
सामाजिक और आर्थिक समानता के हित में, विकलांग व्यक्तियों को उच्चतम शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए सरकारें और निजी क्षेत्र को भी योजनाएं बनानी चाहिए। विशेषकर, विकलांगता के क्षेत्र में कौशल विकसित करने और उन्हें समर्थन प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम बढ़ाए जा सकते हैं।
विश्व विकलांग दिवस का महत्व
विकलांग व्यक्तियों के लिए विश्व विकलांग दिवस का आयोजन महत्वपूर्ण है क्योंकि यह समाज को उनके साथ सहानुभूति और समर्थन का संदेश देता है। इस दिन के माध्यम से हमें यह समझने को मिलता है कि विकलांगता न केवल उन व्यक्तियों को प्रभावित करती है जो इस से संपर्कित होते हैं, बल्कि समाज के सभी सदस्यों को इस पर गौर करना चाहिए।
समाप्ति
विश्व विकलांग दिवस हमें यह याद दिलाता है कि समाज में समानता और समर्थता का समर्थन करना आवश्यक है। विकलांग व्यक्तियों को समाज में समर्थित बनाए रखने के लिए हमें उनके साथ मिलकर काम करना चाहिए और उन्हें समाज में समाहित बनाए रखने के लिए समृद्धिशील परिवर्तनों की आवश्यकता है। “विश्व विकलांग दिवस” का उद्दीपन हमें एक ऐसे समाज की दिशा में प्रेरित करता है जो समानता, समर्थता, और सहानुभूति के मूल लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रतिबद्ध है।
विकलांग पेंशन के लिए आवेदन कैसे करे
कदम 1: पात्रता की जाँच सबसे पहले, आपको यह देखना होगा कि आप हैंडीकैप्ड पेंशन के लिए पात्र हैं या नहीं। पात्रता मानदंडों को समझने के लिए आप स्थानीय सामाजिक कल्याण कार्यालय या सरकारी वेबसाइट पर जा सकते हैं।
कदम 2: आवश्यक दस्तावेज़ आपको अपने आवेदन के साथ कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज़ सबमिट करने होंगे, जैसे कि चिकित्सा प्रमाणपत्र, आय प्रमाण, पहचान प्रमाण, और निवास प्रमाण। इन दस्तावेज़ों की सूची को आप स्थानीय प्राधिकृतियों से कन्फर्म कर सकते हैं।
कदम 3: आवेदन पत्र आपको अपने स्थानीय सामाजिक कल्याण विभाग या ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर हैंडीकैप्ड पेंशन के लिए आवेदन पत्र भरना होगा। इस पत्र में आपको अपनी व्यक्तिगत जानकारी, चिकित्सा स्थिति, और वित्तीय जानकारी प्रदान करनी होगी।
कदम 4: दस्तावेज़ सबमिट करना फॉर्म भरने के बाद, आपको सभी आवश्यक दस्तावेज़ों को एटैच करके सबमिट करना होगा। अगर आप ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं, तो आप दस्तावेज़ों को स्कैन करके अपलोड कर सकते हैं।
कदम 5: फॉलो-अप आपको अपने आवेदन का प्रगति प्रशासन करते रहना चाहिए। इसके लिए आप सोशल कल्याण विभाग से या ऑनलाइन पोर्टल से नियमित अपडेट्स चेक कर सकते हैं।
कदम 6: पुष्टि आपके सबमिट किए गए दस्तावेज़ की पुष्टि करने के लिए प्राधिकृतियां आपके निवास पर विजिट कर सकती हैं। इसमें सहयोग करना महत्वपूर्ण है।
कदम 7: मंजूरी अगर आपका आवेदन मंजूर हो जाता है, तो आपको हैंडीकैप्ड पेंशन मिलने लगेगी। आपको नियमित अंतरालों पर नवीनीकरण प्रक्रिया भी फॉलो करनी होगी।
महत्वपूर्ण नोट: आपके राज्य या जिले की विशेष निर्देशों का भी पालन करना होगा।
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